स्टीफ़न हॉकिंग का जन्म ८ जनवरी १९४२ को फ्रेंक और इसाबेल हॉकिंग के घर में हुआ। ... स्टीफन हॉकिंग एक मेधावी छात्र थे, इसलिए स्कूल और कॉलेज में हमेशा अव्वल आते रहे। तीन सालों में ही उन्हें प्रकृति विज्ञान में प्रथम श्रेणी की ऑनर्स की डिग्री मिली। जो कि उनके पिता के लिए किसी ख्वाब के पूरा होने से कम नहीं था।
बहुत कुछ करना बाकी है,। ऐसा कहना है महान और अद्भुत वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जिसके शरीर का कोई भी अंक काम नहीं करता। चल नहीं सकती। वह बोल नहीं सकती। वह कुछ कर नहीं सकते लेकिन फिर भी जीना चाहते हैं स्टीफन हॉकिंग का कहना है कि मृत्यु निश्चित है और जिंदगी जितनी आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं।
कंप्यूटर 17 वर्ष की उम्र में यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही अपने दैनिक कार्यों को करने में थोड़ी दिक्कत आने लगी थी। स्टीफन मरांडी के लिए अपने घर पर आए हुए थे तभी सीढ़ियों से उतरते समय शुरु में तो सभी समाज के हर बार अलग-अलग प्रॉब्लम होने के बाद जांच करवाया तो पता चला कि तबीयत ठीक होने वाली बीमारी है जिसका नाम इमरान मोर्टार420 की स्थिति में मांसपेशियों को निर्मित करने वाली साड़ी में c33 काम करना बंद कर देती है। इससे शरीर हो जाता है और पूरे अंग काम करना बंद कर देते हैं जो कहना था और उनका पूरा शरीर धीरे धीरे काम करना बंद कर देगा।
स्टीफन हॉकिंग के विचार
स्टीफन को भी इस बात से बड़ा सदमा लगा। उन्होंने कहा कि ऐसे नहीं कर सकता हूं। जीवन में बहुत कुछ करना सस्टीफन हॉकिंग ने अपनी बीमारी को दरकिनार कर तुरंत अपने वैज्ञानिक जीवन का सफर शुरू किया और अपने आप को पूरी तरह धीरे-धीरे पूरी दुनिया में उन्होंने अपनी बीमारी को वरदान की तरह उनका शरीर भी उनका साथ छोड़ कर चला जा रहा था। धीरे-धीरे उनका बायां हिस्सा पूरा काम
बीमारी पर 29 ईयर का सहारा लेना पड़ा उनकी कंप्यूटर के साथ उनकी आंखों और उनके हाथों की कंपनी से पता लगा लेती है कि वह क्या बोलना चाह रहे हैं धीरे-धीरे स्टेशन का पूरा शरीर काम करना बंद कर दिया
स्टीफन हॉकिंग भगवान
10 पॉइंट भी था इस बीमारी से उपस्थित आर्थिक रूप से अपंग हो रहे थे ना कि मासिक उसके बाद न्यू मूवी देखने चले गए और 32 मौत को मारते मारते रहे थे। उन्होंने फूल का कॉन्सेप्ट और हॉकिंग रेडिएशन का महान विचार दुनिया को दिया। उन्होंने अपने विचारों और भाषा में समझाने की किताब ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम
स्टीफन हॉकिंग की अपनी आत्मविश्वास के बल पर विश्व का सबसे अनोखा वैज्ञानिक पढ़ कर दिखाया है। अद्भुत लोगों के लिए प्रेरणा बने हैं आपका बहुमूल्य समय देने के लिए
बहुत-बहुत धन्यवाद!
by RamExam
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