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Coronavirus World matter

चीन से सीख लेकर ही पाया जा सकता है कोरोना पर काबू

US records new high of over 200,000 Covid cases in 24 hours

 पूरी दुनिया में अब तक कोरोना वायरस से लगभग 15 करोड लोग संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 3200000 लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले भारत में इस महामारी से मरने वालों की संख्या ढाई लाख पहुंचने वाली है, लेकिन जिस चीज से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला  सबकुछ सामान्य हो चुका है, 

 ध्यान से आप सुनिए गा यह रिश्तासर्च पेपर जब आप सुनेंगे तो आप भी हैरान हो जाएंगे और शायद डर भी जाएंगे। यह रिसर्च पेपर ऑस्ट्रेलिया के का हकदार द्वारा प्रकाशित किया गया है वहां पर इसमें बताया गया है कि कोरोना वायरस को एक जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की चर्चा में 2015 में ही शुरू हो गई थी 

उस समय टीमन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी। के वैज्ञानिक और चीन के बड़े स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक रिसर्च पेपर तैयार किया था जिसका शीर्षक था अननेचुरल ओरिजिन ऑफ़ सा एंड न्यू स्पेशल ऑफ मैन मेड वायरस इन जेनेटिक बायोवेपन हिंदी में अनुवाद करूं तो इसका अर्थ यह निकलेगा इंसानों द्वारा विकसित किए गए वायरस की प्राकृतिक उत्पत्ति और कैसे इनको हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है? 2020 में इस रिपोर्ट के बाद जब कोरोना वायरस का पहला मामला चीन के वुहान शहर में सामने आएज से 5 साल पहले ही इस विषय पर एक रिसर्च पेपर तैयार हो चुका था

 बड़े स्वास्थ्य अधिकारी थे आपको यह भी याद होगा उस समय पिछले साल यह खबर आई थी कि जो वायरस चीन की 1 में एक लैब से लिखवा था, यह आपने पढ़ी होंगी और उस समय इसकी बहुत चर्चा भी हुई थी। 


दुर्भाग्य यह है कि उसके बाद दुनिया अपने ही संघर्ष में इतने व्यस्त हो गई थी। किसी ने इस पर बात करना और इसका इस पर शोध करना और इसकी जांच करना बंद कर दिया क्योंकि सारे जो बड़े-बड़े देश से वह अपने आप में कितने ज्यादा अपने आप में ही व्यस्त हो गए क्योंकि सबके यहां इतनी बुरी स्थिति थी। चीन के बारे में क्या सोचते हैं और धीरे धीरे धीरे सारी खबरें चली गई निया के सामने रख रिसर्च पेपर में जिसके बारे में मैं आपको बता रहा हूं जो ऑस्ट्रेलिया के कारोबार में छपा है इसमें चीन के वैज्ञानिकों ने कहा था कि कोरोना वायरस बायोलॉजिकल के नए युग की शुरुआत कर सकता है क्योंकि उनका मानना था।किए गए तो इंसानों में बड़े पैमाने पर बीमारी फैला सकता है जैसा कि अभी हो रहा है इस रिसर्च पेपर में चीन के वैज्ञानिक थे कि अगर कोरोना वायरस को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया तो पूरी दुनिया में यह वायरस इस कदर फैल जाएगा कि इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होगा और जैसा चीन के वैज्ञानिकों ने वर्ष 2015 में 5 साल पहले यह सोचा था अभी पूरी दुनिया में वैसा ही हो रहा है जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वैज्ञानिक वर्ष 2015 में इस पर शोध कर रहे थे। रिसर्च कर रहे थे तब उनका मानना था कि तीसरा विश्वयुद्ध बायोलॉजिकल के आधार पर ही लड़ा जाएगा क्योंकि दुनिया पहले दो।परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर चुकी है और इनसे बचने के लिए कई बड़े देशों ने आधुनिक तकनीक भी�िकसित कर ली है किसलिए सही समय आ गया है जब आप केमिकल वेपंस नहीं, बल्कि बायोलॉजिकल घर  वेपंस का इस्तेमाल शुरु 15 महीने समझ गया था कि अगर वह दूसरे देशों का मुकाबला करना चाहता है और दुनिया को जीतना चाहता है उसे वायरस को ही एक हथियार के रूप में विकसित करना होगा।

चीन ने आज से 6 वर्ष पहले ही मान लिया था कि कोरोना वायरस को युद्ध में भी इस्तेमाल किया जा सकता है और इससे लंबे समय तक जिंदा रखने की क्षमता भी चीन के पास मौजूद है। ऑस्ट्रेलिया के जिस अखबार में प्रकाशित किया है उसमें यह बताया गया है कि अमेरिका की अपनी जांच के दौरान यह रिसर्च पेपर हासिल कर लिया था जिसे दूसरे देशों के साथ भी शेयर किया गया और अभी रिसर्च पेपर पूरी दुनिया के सामने आ चुका है। इन बातों पर जोर दिया जा रहा है उन्हें भी आप जान लीजिए। पहली बार चीन कोरोना वायरस को।

जैविक हथियार के रूप में विकसित कर रहा था और संभव है कि उसी ने यह वायरस इंसानों के बीच फैलाया हो और दूसरी बात यह कि यह लोग यह भी है कि चीन जब कोरोना वायरस को विकसित कर रहा था एक हथियार के रूप में तो यह वायरस वहान की एक लैब से लिखवा इंसानों के बीच।  पर यह सारे प्रश्न असली में होते हैं क्योंकि उसने कभी भी इसकी जांच के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन को सहयोग नहीं किया। अगर वह सही है उसकी इंसानों के बीच नहीं फैला है तो फिर चीज किसी भी तरह की जांच से इतना घबराता क्यों यह बहुत बड़ा सवाल है और इसी सवाल का जवाब में हुए अमेरिका की खुफिया एजेंसियां इस रिसर्च पेपर तक पहुंच गई और इस रिसर्च पेपर को पूरी तरह से सही मान लिया जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि कोरोना वायरस से मारे गए 3200000 लोगों की हत्या हुई है और इस नरसंहार के लिए 3200000 लोगों की हत्या के लिए किन को जिम्मेदार माना जाना चाहिए।

भारत में अभी अभी जो हालात हैं वह चीन के इस को रोना वायरस के कारण पैदा हुए हैं हम और आप आज जो संघर्ष कर रहे हैं अपने चारों तरफ अंधकार देख रहे हैं। हर रोज सुबह उठते हैं तो अपने मोबाइल फोन पर किसी ना किसी की मृत्यु की खबर हमारे पास होती सुबह सुबह उठकर व्हाट्सएप खोलने में डर लगता है। सुबह सुबह उठकर किसी का फोन अगर आता है तो उसको को सुनने में डर लगता है कि ना जाने किसकी  की खबर हो ना जाने किस के संक्रमण की खबर जो भी पैसा लगता है या तो यह किसी अस्पताल में बैठ दिलवाने के लिए होगा या फिर किसी को सीजन दिलवाने के लिए होगा और या फिर किसी की मृत्यु का समाचार यह स्थिति भारत में अब आ चुकी है।


बताना चाहते हैं वहीं दूसरी ओर से पहले भारत कई देशों को व्यक्ति भेज रहा था कई देशों को मदद कर रहा था जिस पर हमारे देश के बहुत सारे नेता और बहुत सारे लोग आपत्ति कर रहे हैं कि भारत दूसरे देशों को मदद क्यों कर रहा था यह व्यक्ति दूसरे देशों को क्यों भेज रहा था और इससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि कुछ महीने पहले तक बहुत मजबूत हो रही थी। आपको भी याद होगा मार्च तक पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि बहुत मजबूत के खिलाफ भारत ने इस वायरस को कंट्रोल कर के रखा बल्कि दूसरे देशों तक मदद पहुंचाई। ऐसे समय लेकिन जैसे ही भारत दूसरी लहर की चपेट में आया टीम ने इसे।

शानदार मोदी की तरह लिया और इस मौके का पूरा फायदा उठा कर अपनी छवि को चमकाने में चमकाने में लगा हुआ है। आपको याद होगा अब हम अपनी स्थिति से ही संघर्ष कर रहे हैं हमारे पास इतना न तो समय है ना संसाधन है कि दुनिया के बाकी देशों के बारे में आप तो हमारी स्थिति यह है कि अगर हमने अपने बारे में ही सोच लिया, वही काफी है, अगर अपने आप को इस संकट से निकाल लिया, वही हमारे लिए बहुत है बाकी देशों के बारे में तो अब हमारे पास ना फुर्सत बची है और ना ही हमारे पास संसाधन बचे तो आप जब भारत से मदद या अपने ही लोगों के अपने देश के बाहरी दुनिया सें खाली जगह।


इस खाली जगह को भारत की वजह से मारने की कोशिश कर रहा है और इस समय चीन अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका को दवाइयां भेजने का वादा कर रहा है यह सारे भारत के पड़ोसी देश है जहां तक भारत मदद कर रहा था यह भारत पर आश्रित थे और आप जानते हैं यह भी  बड़ा हिस्सा होता है। अब यह नहीं चाहते थे कि हमारे पड़ोसी देशों को तीन व्यक्ति भेज कर उन्हें अपनी तरफ पहले मैं किसी को मौका मिल गया और चीन ने सारे देशों से वादा कर दिया है कि वह इन्हें सारी मदद भी भेजेगा। वैक्सीन भी मिलेगा।और इन तमाम देशों को ना चाहते हुए भी मदद लेनी पड़ेगी कि भारत तो अभी स्थिति में नहीं कि वह कोई मदद कर सके और भारत की राजनीति इतनी ज्यादा है भारत के अंदर कि भारत में विपक्ष के लोग हैं 


चीन अब इन सारे देशों को मदद का वादा कर रहा है और अब सोचिए चीन भारत से भी कह रहा है कि हम आपको पूरी मेडिकल सप्लाई भेजेंगे आपको पूरी मदद करेगी ताकि पूरी दुनिया यह बाबा री चीन से ही शुरु सबसे पहले चीन में बीमारी सबको दी और अब उस बीमारी का इलाज भी वही देना चाहता है। चीन ऐसा करके दुनिया का ध्यान उस किताब से हटाना चाहता है कि कोरोना वायरस को लेकर लिखी जा रही है और यह रिसर्च पेपर भी किसी किताब में प्रकाशित होने वाला है इस किताब का इंतजार आप कीजिएगा और यह भी हम आपको एक दिन पढ़कर सुनाएंगे लेकिन बड़ी बात जैसे आपको नहीं बोलना है, वहीं यह वायरस पिछले साल।चीन से निकला था, वहां से निकला था कि मैं सबकुछ सामान्य हो चुका है आप सोचिए चीन के पास ऐसी कौन सी औषधि आ गई जिससे कि उसने बिल्कुल सामान्य अपने देश में कर दिया कर कुछ और बाकी के देशों से यह सामान्य हो नहीं रहा और अब ऐसे में चीन पूरी दुनिया की मदद करने के लिए।

Coronavirus World matter Coronavirus World matter Reviewed by ramexam on June 11, 2021 Rating: 5

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