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China to unveil tough new rules for private tutoring sector: Sources

 

China to unveil tough new rules for private tutoring sector: Sources


v चीन में कैसे वहां के माता-पिता अपने बच्चों की प्राइवेट ट्यूशन की पड़ती थी। इतने परेशान हो चुके हैं कि अब चीन के लोगों ने बच्चे पैदा करने से ही इनकार कर दिया है। वह चाहते हैं कि आप बच्चे पैदा नहीं कर पाता दूसरी तरफ चीन की सरकार अपने लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और इसमें सरकार ने अब यह समझ लिया है कि लोगों की असली समस्या क्या है, समस्या है ट्यूशन इंडस्ट्री और अब वहां की सरकार ने ट्यूशन इंडस्ट्री को नियंत्रित करने का फैसला



EXCLUSIVE China planning new crackdown on private tutoring sector - sources

v ट्यूशन की फीस आसमान छू रही है और हमारे देश में भी लगभग हर परिवार का बच्चा प्राइवेट ट्यूशन ले रहा है। यह बहुत बड़ा है और इस उद्योग से माता-पिता बहुत परेशान है चाहे वह भारत के या चीन के बारे में आपको भी बताएंगे और देखेंगे कि चीन से हम क्या सीखते हैं अमेरिका के मार्केटेंडर, डाऊ जोंस और वॉल स्ट्रीट जनरल समेत कई दूसरी चाइल्ड पॉलिसी के बाद वर्ष 2025 तक जन्म से जुड़े सभी प्रतिभा  समाप्त करने की तैयारी कर रहा है। सरल शब्दों में कहें वर्ष 2025 तक चीन में 1% और थर्ड चाइल्ड जैसी होती रहेगी बल्कि यह फैसला लोगों के विवेक पर छोड़ दिया जाए। अब कितने बच्चों को जन्म देना चाहते अपने परिवार में कितने बच्चों को लाना?

 

v अब सवाल ये है कि चीन आखिर ऐसा क्यों करना चाहता है, इसके प्रमुख वजा है चीन में जनसंख्या वृद्धि की दर में ऐतिहासिक गिरावट आना वर्ष 1979 में जबकि वन चाइल्ड पॉलिसी लायक एक परिवार एक ही बचा सकता है। चीन की राष्ट्रीय जन 5.9 फीत इन वन चाइल्ड पॉलिसी की वजह से वर्ष 1990 के राष्ट्रीय 1.7 परसेंट ही रह गई। लेकिन अपने लक्ष्य में कामयाब हुआ और उसने जनसंख्या को नियंत्रित 2015 में इस नीति को बदलने की जरूरत है और राष्ट्रीय जन्म दर को बढ़ाकर 2% के आसपास होना चाहिए और इसके लिए।

 EXCLUSIVE China planning new crackdown on private tutoring sector - sources

v वर्ष 2016 में सेकंड चाइल्ड पॉलिसी लेकर आया जब लोगों को छूट दे दी गई थी अब वह जो बच्चे पैदा कर सकते हैं लेकिन यह नीति फेल हो गई क्योंकि तब तक बहुत देर हो चुकी चीन  first चाइल्ड पॉलिसी इसलिए हुई क्योंकि वहां अब लोगों की शादियां और बच्चों में रुचि बहुत कम हो गई है। ना तो लोग शादी करना चाहते हैं और जो शादी कर भी रहे हैं वह बच्चे नहीं पैदा करना चाहते आज हम आपको उसका सबसे बड़ा कारण बताना चाहते फैमिली प्लानिंग परिवार नियोजन के समय किसी भी कल के लिए तीन चीजें जरूरी उनकी आर्थिक स्थिति के कितने बच्चे की परवरिश स्वास्थ्य।

v चीन से बहुत से कपल चीन में यह मानते हैं कि यह तीनों ही काम और की क्षमता और पहुंच से बाहर है। कहने का मतलब है कि वहां बच्चों की परवरिश करना लोगों के लिए बहुत महंगा है और किसे आपकी आंखों से वर्ष 2005 में चीन में एक 72000 $₹700000 का खर्च आता के बाद वर्ष 2020 में $300000 देने दो करोड़ 33 लाख रुपए तक पहुंच।

 

v हिसाब से देखें तो इनमें बच्चों की परवरिश करना हर किसी के बस की बात नहीं, इसलिए वहां के लोग या तो बच्चे भी पैदा करना चाहते हैं या फिर एक ही बच्चा रखना चाहते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि क्या चीन के पास, इसका कोई समाधान है? इस सवाल का जवाब है कि चीन ने वहां के ट्यूशन। उद्योग को अब नियंत्रित करने के लिए एक पॉलिसी बनाई है क्योंकि बच्चों की परवरिश में माता-पिता सबसे ज्यादा खर्च बच्चों की शिक्षा पर करें और चीन में बच्चों को शिक्षा देना ना बहुत मुश्किल काम है। बहुत महंगा था कि मैं ट्यूशन इंडस्ट्री 19 लाख 36 हजार करोड़ रुपए की है। सरल शब्दों में कहें तो चीन में स्कूलों के साथ बच्चों को ट्यूशन पर पढ़ाने का खर्च काफी ज्यादा है और कुछ बर्दाश्त नहीं कुश प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाने का मतलब यह है कि मैं यह माना जाता है कि वह बच्चा बड़ा हो पर कुछ नहीं कर पाएगा और स्कूल में सबसे पीछे रहेगा। अगर उसने प्राइवेट

v  

v शायद यही वजह है कि चीन में 71% child स्कूल के बाद प्राइवेट ट्यूशंस लेते हैं और इसके लिए उनके माता-पिता पैसा किया है।

v स्टडी के मुताबिक भारत में 4 साल की छोटी उम्र से ही पढ़ाई के लिए ट्यूशन लेना शुरू कर दी बच्चों के दिमाग में प्राइवेट ट्यूशन वाला फार्मूला बैठा दिया जाता है और उन्हें बता दिया जाता है। अगर उन्हें ट्यूशन नहीं दूसरे बच्चों से जाएंगे और भारत में हर चार में से एक बच्चा पढ़ाई के लिए अपने ज्यादा प्राइवेट प्राइवेट

v हफ्ते में एक बच्चा अपने 9 घंटे ट्यूशन, क्लासेस और यह समय 1:30 दिन स्कूलों में रहने के बाद और आज हमारे देश में ट्यूशन का उद्योग सालाना 25000 का मतलब अच्छे इंसान की तरह ज्यादा करें। अगर पूरी दुनिया की बात करें तो 10 में से 4 प्राइवेट में से 4 छात्र यानी 40% छात्र प्राइवेट जापान में प्राइवेट ट्यूशंस लेने वाले बच्चों की संख्या 70% पढ़ते हैं। मलेशिया में 83 वर्ष दक्षिण कोरिया में 92.8%

 

vएक समय था जब दुनिया में टेक्नॉलजी कंपनियों का उदय हो रहा था और अमेरिका जैसे देशों में कहा जाता था कि वैश्विक कारोबार के क्षेत्र में क्रांति इन कंपनियों ने लूट तेजी से बढ़ती हुई है। इतनी ताकतवर बन जाएगी और फिर भी पूर्ण व्यवस्था बनाई गई है वर्षों पुरानीव्यवस्था को भी नष्ट कर देगी और लोगों को जागरुक रहें और स्कूल से ट्यूशन ट्यूशन से स्कूल नहीं है।


China to unveil tough new rules for private tutoring sector: Sources China to unveil tough new rules for private tutoring sector: Sources Reviewed by ramexam on June 24, 2021 Rating: 5

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